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The media gave their contact numbers requesting people who were facing health problems from mobile towers to contact them. Several people called them and their stories were shared in the papers. Besides this, school children were seen with banners protesting against excess radiation from mobile towers requesting to reduce the power transmission. Besides humans, a fall in bird and bee population has also been observed.
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सेलफोन - फ्रैंडली पिजन या ब्रेन बग
ReplyDeleteडॉ. ओ.पी.वर्मा
अध्यक्ष, अलसी चेतना यात्रा
7-बी-43, महावीर नगर तृतीय
कोटा, राज. http://flaxindia.blogspot.com/2012/01/blog-post_19.html
+919460816360
आज सेलफोन हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आज बिना सेलफोन के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। जिधर देखो उधर आपको लोग हाथ में सेलफोन थामें दिखाई देंगे, ठीक वैसे ही जैसे द्वापर युग में श्री कृष्ण अपनी अंगुली में सुदर्शन चक्र धारण करके घूमा करते थे। देखते ही देखते पिछले 15 वर्षों में सेलफोन के जाल ने पूरे विश्व को जकड़ लिया है। किशोर लड़के और लड़कियाँ तो सेलफोन के दीवाने हो चुके हैं, सुबह से लेकर रात तक सेलफोन से ही चिपके रहते हैं। भारत में सेलफोन की क्रांति लाने में अंबानी बंधुओं का भी बहुत बड़ा हाथ है। "कर लो दुनिया मुट्ठी में" के नारे का सहारा लेकर इन्होंने खूब मोबाइल रूपी मौत का कारोबार किया। लोग तो दुनिया को शायद अपनी मुट्ठी में नहीं कर सके लेकिन अंबानी बन्धु जरूर टाटा, बिरला आदि सभी अमीरों को पीछे छोड़ कर भारत के सबसे अमीर आदमी बन बैठे।
बाजार में शौकीन लोगों के लिए कई कम्पनियाँ हीरे-जवाहरात जड़े नित नये मंहगे और नायाब सेलफोन भी बेचने लगी हैं। 2009 में स्टुअर्ट ह्यूजेस कम्पनी ने दुनिया का सबसे मंहगा गोल्डस्ट्राइकर आईफोन बाजार में उतारा था। इस फोन को बनाने में 271 ग्राम सोना और 200 हीरे काम में लिए गये हैं। 53 खूबसूरत रत्नों से ऐपल का लोगो बनाया है और होम बटन पर 7.1 केरेट का बड़ा हीरा जड़ा गया है। इसकी कीमत 3.2 मिलियन डॉलर (लगभग 15 करोड़ रुपये) रखी गई है। लेकिन इतना मंहगा होने पर भी यह है तो मौत का ही सामान।
आज सेलफोन हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आज बिना सेलफोन के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। जिधर देखो उधर आपको लोग हाथ में सेलफोन थामें दिखाई देंगे, ठीक वैसे ही जैसे द्वापर युग में श्री कृष्ण अपनी अंगुली में सुदर्शन चक्र धारण करके घूमा करते थे। देखते ही देखते पिछले 15 वर्षों में सेलफोन के जाल ने पूरे विश्व को जकड़ लिया है। किशोर लड़के और लड़कियाँ तो सेलफोन के दीवाने हो चुके हैं, सुबह से लेकर रात तक सेलफोन से ही चिपके रहते हैं। भारत में सेलफोन की क्रांति लाने में अंबानी बंधुओं का भी बहुत बड़ा हाथ है। "कर लो दुनिया मुट्ठी में" के नारे का सहारा लेकर इन्होंने खूब मोबाइल रूपी मौत का कारोबार किया। लोग तो दुनिया को शायद अपनी मुट्ठी में नहीं कर सके लेकिन अंबानी बन्धु जरूर टाटा, बिरला आदि सभी अमीरों को पीछे छोड़ कर भारत के सबसे अमीर आदमी बन बैठे।
आज पूरे विश्व में 5.6 बिलियन सेलफोन उपभोक्ता हैं। भारत विश्व में दूसरे नम्बर पर आता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार नवम्बर, 2011 में हमारे यहाँ 881,400,578 सेलफोन उपभोक्ता थे। यानि हमारे 73.27% लोग सेलफोन रखते हैं। एक अनुमान के अनुसार 2014 तक यह संख्या एक अरब हो जायेगी। लेकिन मुद्दे की बात यह है कि सरकारी संस्थाओं नें बिना सोचे-समझे आम लोगों को सेलफोन बेचने की स्वीकृति दे दी, यह नहीं सोचा कि इससे निकलने वाली इलेक्ट्रोमागनेटिक तरंगे हमारे स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा तो नहीं बन जायेंगी। अफसोस इस बात का है कि इसकी सुरक्षा को लेकर कोई शोध नहीं की गई और हर आदमी को यह खतरे का झुनझुना पकड़ा दिया। चलिये आज मैं आपको संक्षेप में सेलफोन के खतरों से रूबरू करवाता हूँ और उनसे बचने के तरीकों पर स्पष्ट और निष्पक्ष चर्चा भी करता हूँ।
यह कड़ी चटकायें।
http://flaxindia.blogspot.com/2012/01/blog-post_19.html